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जुकरबर्ग नहीं एक भारतीय के दिमाग की उपज है फेसबुक

apneebat
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“मार्क जुकरबर्ग” यह नाम आज भारत के साथ-साथ दुनिया में किसी परिचय का मोहताज नहीं, और इस नाम को इतनी शोहरत मिली फेसबुक से. जी हाँ आज फेसबुक के संस्थापक के रूप मार्क जुकरबर्ग को पूरी दुनिया में पहचाना जाता है. लेकिन कम से कम हम भारतीयों को यह जानकारी अवश्य होनी चाहिए की फेसबुक का आइडिया मार्क जुकरबर्ग का नहीं बल्कि एक भारतीय-अमेरिकी दिव्य नरेंद्र का था.
जी हाँ, दिव्य नरेंद्र के माता-पिता दशको पहले भारत छोड़कर अमेरिका जाकर बस गए थे, उन्हें वहीँ की नागरिकता भी मिल गए. दिव्य नरेंद्र का जन्म 18 मार्च 1982 को अमेरिका में हुआ था. दिव्य नरेंद्र के माता-पिता पेशे से डॉक्टर है और वह अपने बेटे को डॉक्टर ही बनाना चाहते थे. पर अपनी धुन के पक्के नरेन्द्र को व्यवसाय में रूचि थी, और वह एक सफल एंटरप्रिन्योर बनना चाहते थे
कैसे हुआ था फेसबुक का जन्म?
दिव्य नरेंद्र ने अपनी उच्च शिक्षा हार्वर्ड विश्वविद्यालय से प्राप्त की थी, इसी यूनिवर्सिटी में मार्क जुकरबर्ग भी पढाई कर रहे थे. दिव्य और उनके दोस्त यूनिवर्सिटी के छात्रों के लिए हार्वर्ड कनेक्शन नामक एक साइट बना रहे थे, फेसबुक का जन्म हॉर्वर्ड कनेक्शन सोशल साइट की निर्माण प्रक्रिया के दौरान हुआ। दिव्य हॉर्वर्ड कनेक्शन प्रॉजेक्ट पर काफी आगे बढ़ चुके थे। उसके लंबे समय बाद जुकरबर्ग मौखिक समझौते के तहत उसमें शामिल हुए। पूरी चालाकी से उन्होंने इस प्रॉजेक्ट को हाईजैक कर लिया और बाद में बाकायदा फेसबुक नाम से डोमेन रजिस्टर्ड कर उस प्रॉजेक्ट को अमली जामा पहना दिया। इस बीच दिव्य और उनके सहयोगियों की जुकरबर्ग से तीखी नोकझोंक हुई। यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट ने मामले में हस्तक्षेप किया…...आगे पढ़ें

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